लेखनी प्रतियोगिता -06-Jan-2022 नसीब
हाल मेरे दिल का ना पूछो मेरे रकीब,
याद में तेरी मैं तड़पूँ यहाँ मेरे हबीब ,
मेहंदी तेरे नाम की लगाऊँ मैं हाथ में,
ऐ खुदा करम तेरा हो आगे मेरा नसीब |
चाल में तेरी नजाकत इतनी है नाज़नीन,
दिखने में जाना क्यों तू लागे मुझे गमगीन,
नशीली आंखें तेरी देख जो मुस्कुराती हैं,
आकर जिंदगी को मेरी यहाँ कर दे रंगीन |
प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)
Payal thakur
07-Jan-2022 07:01 PM
Very beautiful 👌
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Ravi Goyal
07-Jan-2022 07:42 AM
वाह बहुत खूब 👌👌
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Niraj Pandey
07-Jan-2022 12:10 AM
बहुत खूब
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